C.B. Gupta T.B. Hospital

 
सी0बी0 गुप्ता क्षय तथा वक्ष रोग चिकित्सालय
पानदरीबा, लखनऊ

   
संम्र्पकः-
1.    डा0 ए0के0 श्रीवास्तव मेडिकल आॅफीसर इचार्ज
      एम0बी0बी0एस0, डी0टी0सी0डी0, एम0डी0

      मो0 नं0-98399991975
2.    डा0 जे0पी0 मेहरोत्रा, मेडिकल आॅफीसर,

       एम0बी0एम0, डी0टी0सी0डी0
       मो0 नं0-94522971120

    सी0बी0 गुप्ता क्षय तथा वक्ष रोग चिकित्सालय, पानदरीबा, लखनऊ में वर्श 1977 से स्थित है। इस अस्पताल का संचालन भारत सेवा संस्थान द्वारा किया जा रहा है। इस चिकित्सालय में मुख्यतः क्षय तथा वक्षरोग के मरीज देखे जाते हैं। इसके अतिरिक्त सामान्य रोग से पीडि़त मरीजों को मुफ्त सेवाये दी जाती है।
    मरीजो का पंजीकरण मात्र दस रूपये में किया जाता है तथा नवीन पंजीकृत मरीजों को पांच रू0 में टी0बी0 सील (टिकट) भी दिया जाता है। दस रूपये में किये गये पंजीकरण की मान्यताएं एक वर्श के लिए मान्य होती है।
मरीजों की निम्नलिखित जांचे इस चिकित्सालय में की जाती हैंः-
1.    एक्सरे चेस्ट (बिना हानि-लाभ के रू0 70/- में किया जाता है, जो मरीजों को दिया जाता है।)
2.    गरीब मरीजो का एक्सरे मुफ्ट में किया जाता है।
3.    बलगम की जांच मुफ्त में की जाती है।
4.    खून की सामान्य जांच।
5.    पेषाब की सामान्य जांच।
6.    मल की सामान्य जांच।
7.    ग्लोकोमीटर द्वारा ब्लड षूगर की जांच।
उपरोक्त न0ं 4, 5, 6, 7 की जांचे मात्र रू0 20/-में की जाती है।
    क्षय रोग की दवा डाट्स प्राणली के अन्तर्गत मरीजों को मुफ्त अस्पताल में खिलाती जाती है। प्रारम्भ के आठ सप्ताह तक मरीजों को अस्पताल में दवा खिलायी जाती है एवं आठ सप्ताह के पष्चात् एक सप्ताह की दवा मरीजों को दे दी जाती है। जो अठ्ठारह सप्ताह तक चलती है।
    डाट्स प्रणाली के नियमानुसार मरीज के बलगम की जांच मुफ्त में समय-समय पर होती रहती है। डाट्स प्रणाली के अन्तर्गत मरीज की दवा प्रारम्भ करने से पहले मरीज के घर के पते का सत्यापन घर जाकर किया जाता है।
    यदि मरीज दवा खाने नहीं आता है तो उसके घर जाकर उसे समझाकर दवा खाने के लिए प्रेरित करना पड़ता है ताकि मरीज लगातार नियमित रूप से दवा खाते रहे।
    डाट्स प्रणाली के साथ-साथ आवष्यकतानुसार मरीजों के खांसी, बुखार, ताकत एवं अन्य तकलीफो के अनुसार दवा मुफ्त दी जाती है। जो भारत सेवा संस्थान द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। मरीजों के मुह से खून आ जाता है तो इसके लिए सुई भी मुफ्त लगायी जाती है।
    टी0बी0 के मरीजो के अतिरिक्त अन्य बीमारियों से पीडि़त मरीज भी होते हैं उनको चिकित्सक द्वारा देखा जाता है तथा उनका भी अस्पताल में भारत सेवा संस्थान द्वारा उपलब्ध करायी गयी दवायंे मुफ्त में दी जाती है।
    अस्पताल में समय-समय पर कैम्प का आयोजन करते रहते हैं। जिसमें मरीजों को स्वास्थ्य की जागरूकता के लिए प्रेरित किया जाता है।
    अस्पताल के आस-पास के बस्तियों में क्षय अस्पताल के डाक्टर एवं कर्मचारी  गण कैम्प लगा कर लोगों को टी0बी0, एच0आई0वी0, एड्स आदि बीमारियों के लक्षण एवं उपचार के बारे में जागरूक करते हैं तथा परिवार नियोजन के बारे में भी समझाते हैं।
    आस-पास के प्राइवेट चिकित्सकों एवं गणमान्य नागरिकों से सम्पर्क करके टी0बी0 एवं वक्ष के मरीजों को अस्पताल में भेजने का परामर्ष देते हैं। ताकि मरीजों का नियमित एवं पूर्ण इलाज मुफ्त में हो सके।
    डाट्स प्रणाली के अन्तर्गत जिला क्षय रोग अधिकारी के यहां से प्रत्येक माह को खिलाई गयी दवाओं का विवरण जा कर देना पड़ता है तथा जिला क्षय रोग अधिकारी के यहां से आये हुए कर्मचारियों द्वारा सभी प्रकार के रिकार्ड की जांच होती रहती है। इस प्रकार प्रत्येक माह की रिपोर्ट करनी पड़ती है।
    डाट्स की दवाएं व लैब का सामान जिला क्षय रोग अधिकारी के यहां से प्रत्येक माह जा कर लाना होता है।
    जिला क्षय रोग अधिकारी के कार्यालय में जाकर आर0एन0टी0सी0पी0 के अन्तर्गत मिलने वाले अनुदान के लिए प्रयास करते हैं। इसके लिए समय-समय पर जाना पड़ता है, अनुदान सी0बी0 गुप्ता चिकित्सालय को मिलता भी रहता है।