Acharya Narendra Dev Library
आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय, 10-अशोक मार्ग, लखनऊ-
प्रस्तावनाः- पुस्तकालय विज्ञान के अनुसार मूलरूप से पुस्तकालयों को 3 श्रेणियों में रखा गया है। प्रथम विशिष्ट पुस्तकालय, द्वितीय सार्वजनिक पुस्तकालय तथा तृतीय शैक्षिक पुस्तकालय। आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय जिसकी स्थापना वर्ष 1959 में उ0प्र0 के भूतपूर्व मुख्यमंत्री श्री चन्द्रभानु गुप्त के प्रयासों से की गयी थी। प्रारम्भ में यह शैक्षिक पुस्तकालयों की श्रेणी में ही आता था क्योंकि इसकी स्थापना विशेष रूप से छात्र-छात्राओं (स्नातक एवं उसके ऊपर के छात्रों ) को वांछित पठन सामग्री उपलब्ध कराना रहा था। तब यह पुस्तकालय 2-राणा प्रताप मार्ग, मोतीमहल परिसर में मोतीमहल के पश्चिमी ओर स्थित एक दो मंजिली इमारत मे हुआ करता था । धीरे-धीरे छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त सामान्य पाठकों को भी यहां पुस्तकें व अन्य पठन पाठन सामग्री उपलब्ध करायी जाने लगी। पुस्तकों के अतिरिक्त अंग्रेजी, हिन्दी, उर्दू के समाचार पत्र व पत्रिकायें भी छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त सामान्य पाठकों को उपलब्ध करायी जाने लगी और आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय जो मूलतः शैक्षिक पुस्तकालय था के साथ-साथ सार्वजनिक पुस्तकालय भी बन गया। अस्तु यह कहा जाय कि आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय मात्र शैक्षिक पुस्तकालय ही नहीं एवं सार्वजनिक पुस्तकालय भी है और इस पुस्तकालय की गिनती शहर के सार्वजनिक प्रारंभिक पुस्तकालय में की जाती है।
लोकेशन:- स्थापना के समय आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय को मोतीमहल, 2-राणा प्रताप मार्ग पर स्थापित किया गया था जो लखनऊ विश्वविद्यालय के काफी निकटवर्ती था, ताकि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को अधिकाधिक लाभान्वित किया जा सके। किन्तु सार्वजनिक पुस्तकालय का स्वरूप ले लेने के बाद इसे लखनऊ शहर के सर्वाधिक अच्छी लोकेशन माने जाने वाले हजरतगंज एरिया में 10-अशोक मार्ग पर वर्ष 1984 में श्रद्धेय चन्द्रभानु गुप्त नवचेतना केन्द्र में स्थापित कर दिया गया। आज समाजवादी विचारक आचार्य नरेन्द्र देव के नाम पर स्थापित यह पुस्तकालय नवचेतना केन्द्र बहुमंजिली इमारत के पंचम, पष्ठम एवं सप्तम् तल पर स्थित है।
पुस्तकालय प्रबन्ध तन्त्र:- आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय भारत सेवा संस्थान द्वारा संचालित होता है जिसके संचालन हेतु एक प्रबन्ध समिति है। मुख्यालय स्तर पर इसके शीर्षस्थ अधिकारी अध्यक्ष (माननीय श्री भगवती सिंह), महासचिव (डा0 जे0एन0मिश्रा) तथा कोषाध्यक्ष (माननीय डा0 अशोक बाजपेई) हैं।
पुस्तकालय स्टाफ:- भारत सेवा संस्थान की अन्य यूनिटों की भांति ही उपरोक्त प्रबन्ध तंत्र के अंतर्गत पुस्तकालय का अपना स्टाफ है जिसमें शीर्ष स्तर पर वरिष्ठ पुस्तकालयाध्य जो एक मेम्बर इंचार्ज के माध्यम से प्रबन्ध तंत्र से जुड़े हैं तथा उनके नीचे पुस्तकालय स्तर पर एक्सेशनर-1, पुस्तकालय सहायक-2, मैगजीन सहायक-1, टाइपिस्ट-1 तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी-8 नियुक्त हैं।
उद्देश्य
1. पुस्तकालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य सामान्य पाठकों को पुस्तकालीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ विशेष रूप से छात्र-छात्राओं (स्नातक एवं उसके ऊपर ) को आवश्यक पठन सामग्री उपलब्ध कराना है।
2. छात्र-छात्राओं को प्रतियोगिताओं हेतु वांछित सामग्री उपलब्ध कराना।
3. शोध छात्र-छात्राओं को पुस्तकालीय विशेष सुविधाओं को उपलब्ध कराना।
4. पुस्तकालय विज्ञान मं डिप्लोमा, स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम कर रहें छात्र-छात्राओं को पुस्तकालय का व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाना।
5. सामान्य पाठकों को पुस्तकालय में प्रतिदिन मंगाये जाने वाले हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू के समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं के माध्यम से उनके सामान्य ज्ञान को अपटूडेट रखना।
पुस्तकालय खुलने एवं बन्द होने का समय:-
खुलने का समय : प्रातः 11ः00 बजे
बन्द होने का समय : सांय 6ः00 बजे
(प्रत्येक रविवार व सार्वजनिक अवकाश के दिन पुस्तकालय नहीं खुलता है। इसके अतिरिक्त किसी आकस्मिकता पर पुस्तकालय बन्द किया जा सकता है।)
पुस्तक संग्रह:- पुस्तकालय के एक्सेशन रजिस्टर के अनुसार वित्तीय वर्ष 2013-14 में 31 मार्च तक जहाॅ पुस्तकालय की कुल पुस्तकों की संख्या 1,35,796 थी वहीं वित्तीय वर्ष 2014-15 में क्रय की राजाराम मोहनराय फाउंडेशन की दानस्वरूप पुस्तकों को सम्मिलित करते हुए कुल 913 पुस्तकों की बढ़ोत्तरी हुई जिनका भाषावार विवरण निम्नवत् है:-
हिन्दी भाषा की क्रय की गयी पुस्तकों की संख्या - 215
हिन्दी भाषा में दानस्वरूप प्राप्त पुस्तकों की संख्या - .....
अंग्रेजी भाषा की क्रय की गयी पुस्तकों की संख्या - 223
अंग्रेजी भाषा में दानस्वरूप प्राप्त पुस्तकों की संख्या - .......
उर्दू भाषा मेें दानस्वरूप प्राप्त पुस्तकें - 28
बालकक्ष की हिन्दी में दानस्वरूप प्राप्त पुस्तकें - 47
बालकक्ष की अंग्रेजी में दानस्वरूप प्राप्त पुस्तकें - 27
योग 540
राजाराम मोहनराय फाउंडेशन संग्रह:- राजाराम मोहनराय फाउंडेशन कोलकाता द्वारा उ0प्र0 सरकार द्वारा स्थापित पुस्तकालय कोष्ठक के माध्यम से प्रतिवर्ष पुस्तकालय को समुचित मात्रा में पुस्तकें निःशुल्क प्राप्त होती हैं। जिनका गत तीन वर्षों का विवरण निम्नवत् हैः-
1. वित्तीय वर्ष 2012-13 में कुल प्राप्त पुस्तकें - 504
2. वित्तीय वर्ष 2013-14 में कुल प्राप्त पुस्तकंे - 348
3. वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल प्राप्त पुस्तकें - 373
पुस्तकालय की सदस्यता:
आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय में सम्प्रति निम्नलिखित 02 प्रकार की सदस्यता उपलब्ध है:-
1. विद्यार्थी सदस्यता 250/प्रतिभूति 150/-सदस्यता शुल्क
2. सामान्य सदस्यता 500/प्रतिभूति 250/-सदस्यता शुल्क
उपरोक्त 2 श्रेणियों के अतिरिक्त पुस्तकालय में पाठकों को एक विशेष सुविधा दी गयी है जिसमें 25/- (प्रतिमाह के आधार पर) लघु समय के लिए पाठकों को सदस्यता प्रदान की जाती है ।
वर्ष 2014-15 में पुस्तकालय मंk393 सदस्य बनाये गये जो निम्नलिखित है:-
विद्यार्थी सदस्य : 13
सामान्य सदस्य : 64
रीडिंग कार्ड : 316
मासिक सदस्य:- उपरोक्त श्रेणियों के अतिरिक्त पुस्तकालय में पाठकों को एक विशेष सुविधा दी गयी है जिसमें 25/- प्रतिमाह के आधार पर लघु समय के लिए पाठकों को सदस्यता प्रदान की जाती है और अपनी आवश्यकतानुसार अपनी सदस्यता एक माह से लेकर आगे जहाॅ तक उसकी आवश्यकता हो प्रतिमाह 25/- संस्था को भुगतान कर उसे बढ़ाते रहते हैं। मासिक सदस्यता अथवा रीडिंग कार्ड सदस्य वे सदस्य हैं जो मासिक आधार पर बनाये जाते हैं। इस प्रकार के पाठक किसी खास विषय पर अपना अध्ययन पुस्तकालय में आकर करते हैं अथवा अपने शोध के कार्यों की आंशिक पूर्ति करने के लिए आते हैं।
पुस्तकालय में आने वाले समाचार पत्र
आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय मंे वित्तीय वर्ष 2014-15 में नियमित रूप से दैनिक जागरण, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला, हिन्दुस्तान, जनसत्ता कल्पतरू, तथा दिल्ली से प्रकाशित होने वाला पंजाब केसरी सहित हिन्दी के 7 दैनिक समाचार पत्र पाठकों को उपलब्ध कराये जाते रहे हैं। अंग्रेजी भाषा मे पुस्तकालय में नियमित मंगाये जाने वाले 7 दैनिक समाचार पत्र पायनियर, टाइम्स आफ इंडिया, इंडियन एक्सप्रेस, बिजनेस स्टैण्डर्ड, हिन्दुस्तान टाइम्स तथा दिल्ली से प्रकाशित होने वाले स्टेट्समैन, हिन्दू नियमित रूप से पाठकों को उपलब्ध कराया जाता रहा है। वर्णित हिन्दी व अंग्रेजी समाचार पत्रों के अतिरिक्त उर्दू भाषा में लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्र ‘‘आग’’ दैनिक मंगाकर उर्दू पाठकों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
पुस्तकालय में आने वाली पत्रिकायें:-
उपरोक्त समाचार पत्रों के अतिरिक्त आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय मंे पाठकों के उपयोगार्थ अनेक साप्ताहिक/पाक्षिक/मासिक पत्रिकायें वर्ष 2014-15 में मंगाई जाती हैं। जिनमें इंडिया टुडे, रोजगार समाचार, आउटलुुक हिन्दी की साप्ताहिक पत्रिकाओं के अतिरिक्त कादम्बिनी, प्रतियोगिता दर्पण, विज्ञान प्रगति, योजना क्रानिकल सामयिकी, कम्प्यूटर संचार सूचना, कुरूक्षेत्र, आह जिंदगी तथा कल्याण मासिक पत्रिकायें भी पुस्तकालय में आती रहीं। अंग्रेजी की पत्रिकाओं में पुस्तकालय में इंडिया टुडे, इम्प्लायमेंट न्यूज, टाइम, आउटलुक, साप्ताहिक पत्रिकाओं के अतिरिक्त कम्पटीशन सक्सेज, सांइज रिपोर्टर, रीडर डाइजेस्ट, नेशनल जियोग्राफी, इलेक्ट्रानिक फार यू मासिक पत्रिकायें तथा बिजनेस इंडिया, फ्रन्टलाइन फोर्ट नाइटली पत्रिकायें भी पुस्तकालय में आती हैं।
उल्लेखनीय है कि उपरोक्त पत्रिकाओं में अनेक प्रतियोगी पत्रिकायें हैं, जिन्हें विशेष रूप से विभिन्न प्रतियोगिताओं में बैठने वाले छात्र-छात्राओं के लिए चयनित किया गया। इन प्रतियोगी पत्रिकाओं के अतिरिक्त हिन्द का साप्ताहिक रोजगार समाचार जिसका अंग्रेजी रूपांतर इम्प्लायमेंट न्यूज प्रति सप्ताह प्रकाशित होता है पुस्तकालय में रोजगार तलाश करने वाले युवा/युवतियों के लिए पुस्तकालय मंे पूरे वर्ष ग्राहकता जारी रखी।
प्रतियोगिता पुस्तकें -
मनोरमा इयरबुक (हिन्दी-अंग्रेजी), इंडिया, भारत, उत्तर प्रदेश, सामान्य अध्ययन, घटनाचक्र, रेलवे भर्ती बोर्ड परीक्षा, तकनीकी टेड, अध्यापक पात्रता परीक्षा, इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा, एस0एस0सी0, C.S.A.T, U.G.C. NET/SET, SCC COMBIND GRADUATE LEVEL PRELIMINERY EXAM, M.B.A ADMISSION TEST, IBPS INSTITUTE OF BANKING PERSONNEL SELECTION, SSC JOINT HIGHER SECONDARY EXAM, CPMT EXPLORER, GMT GRADUATE MANAGEMENT ADMISSION TEST, AIEEE आदि प्रतियोगिता संबंधी पुस्तकें छात्र-छात्राओं को परीक्षा में सफल होने के लिए उपलब्ध करायी जाती है।
पुस्तकों की कैटेलागिंग एवं क्लासिफिकेशन:-
विविद हो कि आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय में पुस्तकों का वर्गीकरण (क्लासिफिकेशन) डेवीडिसिमल क्लासिफिकशन स्कीम द्वारा किया गया है तथा वित्तीय वर्ष 2014-15 में पुस्तकालय मंे 786 पुस्तकों का क्लासिफिकेशन व कैटालागिंग की गयी। क्लासिफिकेशन के उपरांत इनकी कैटेलागिंग कटर स्कीम के तहत पूरी कर कार्डों को डिक्शनरी आर्डर में समायोजित किया गया है। नई पुस्तकों के अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2014-15 में लगभग 457 पुस्तके जिनकी बाइंडिंग होकर आयी थी उनकी लेेवलिंग, नंबरिंग, जैकेट व स्लिप आदि लगाकर पुनः संग्रहित किया गया।
पुस्तकों की जिल्दबन्दी:-
पुस्तकों के लगातार प्रयोग से अनेक पुस्तकों की जिल्दें फट जाती हैं। पुस्तकालय में उन्हें पुनः सुरक्षित रखने हेतु उनकी जिल्दबन्दी कराना आवश्यक हो जाता है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में पुस्तकों की जिल्दबन्दी पर कुल रु0 25,135/- व्यय किया गया तथा 457 पुस्तकों की जिल्दबन्दी करायी गई।
उपरोक्त समाचार पत्रों के अतिरिक्त आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय में पाठकों के उपयोगार्थ अनेक सप्ताहिक/पाक्षिक/मासिक पत्रिकायें वर्ष 2014-15 में मंगाई जा रही है।
फोटोकापी की सुविधा:-
पुस्तकालय में दो वर्ष पूर्व एक फोटोकापियर खरीदा गया था जो कार्यरत् है जिसमें रु0 1/-प्रति कापी की दर से पाठकों को फोटोकापियाॅ उपलब्ध करायी जाती है।
पुस्तकालय द्वारा व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाना:-
आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय में राजकीय पालिटेक्निक लखनऊ, श्री रामदेवी रामदयाल त्रिपाठी महिला पालीटेक्निक कानपुर एवं राजकीय पालिटेक्निक लखनऊ द्वारा भेजे गये छात्र/छात्राओं को ‘‘पुस्तकालय विज्ञान’’ का चार सप्ताह का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया। इन छात्र/छात्राओं को वर्गीकरण, सूचीकरण, पुस्तक क्रय, पुस्तकों का आदान-प्रदान, एवं सभी कक्षों से संबंधित जानकारी प्रदान की गयी।
बजट:-
आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय का वार्षिक 3 वर्षों का बजट निम्नवत् रहा।
वर्ष रुपयों मंे
2012-13 27,18,000.00
2013-14 28,91,000.00
2014-15 28,32,000.00
उपरोक्त बजट में भारत सेवा संस्थान द्वारा स्वीकृत धनराशि के साथ उ0प्र0 सरकार से प्रतिवर्ष रु0 2,00,000.00 की धनराशि दो किस्तों में प्राप्त होती रही है।
स्वचालित अग्निसूचक यंत्रः-
अग्नि के प्रकोप से बचाव हेतु माह जनवरी-फरवरी 2015 में आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय में स्वचालित अग्निसूचक यंत्र लगा दिए गये हैं। अब यदि पुस्तकालय के किसी भाग में आग लग जाये तो इसमें लगे सेन्सर धुएं की बढ़ी मात्रा से स्वयं ऐक्टीवेट हो जायेगें और यंत्र के साथ जुड़े सभी सायरन बज उठेगें। इस व्यवस्था के लग जाने से अग्नि से पुस्तकों व जान की सुरक्षा में सतर्कता मिलेगी।
विचार मंच के कार्यकलाप:-
श्रद्धेय श्री चन्द्रभानु गुप्त जी ने समाज के बहुमुखी विकास को दृष्टि में रखते हुए लखनऊ नगर मंे कई संस्थायें स्थापित की। रंग कर्मियों को अपनी कला एवं शैली का प्रदर्शन करने के लिए रवीन्द्रालय का सुव्यवस्थित मंच मिला, वहीं बुद्धिजीवियों को लोकतंत्र राष्ट्रहित से जुड़े सामयिक एवं ज्वलंत प्रश्नों पर विचार मंथन करने एवं उनके निराकरण का मार्ग खोजने के लिए ‘‘ विचार मंच ’’ का सृजन किया गया। धीरे-धीरे मंच बुद्धिजीवियों के लिए अभिव्यक्ति का एक सशक्त एवं लोकप्रिय माध्यम ‘‘विचार मंच’’ बन गया है। इस मंच से विभिन्न प्रश्नों के समाधान के लिए जो सहमति बनी वह जनतंत्र तथा शासन दोनांे के लिए ही दिशावाहक भी बनी।
उपर्युक्त से स्पष्ट है कि ‘‘विचार मंच’’ अतीत की परतें कुरेद कर निरर्थक विवादों में नहीं फंसता, अपितु अत्यंत सामयिक विषय ही चर्चा का आधार बनाता है।
प्रत्येक मास के प्रथम व तृतीय शनिवार को बैठक का आयोजन होता है इन बैठकों में मूर्धन्य साहित्यकार, मझे हुए राजनितिज्ञ, समर्पित समाजसेवी, अर्थ-विचारक, प्रतिष्ठित अधिकारी एवं पत्रकार भाग लेते हैं तथा निर्धारित विषयों पर अपने विचार व्यक्त करते हैं। प्रत्येक बैठक की विषम चर्चा की पूर्व सूचना भी विशिष्ट व्यक्तियों व दैनिक समाचारों के माध्यम से दे दी जाती है।
आलोच्य वर्ष में निम्नलिखित मुख्य विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई:-
1. चुनाव आयोग खामोश क्यों?
2. पुस्तकों से षड़यंत्रों का खुलासा
3. मतदाता सूची में गड़बडि़यां चिन्ताजनक
4. जनता में भंयकर आक्रोश था
5. तुरन्त चुनाव सुधार हो
6. नरक बन गयी है रेलयात्रा
7. हिन्दू समाज को क्षति पहुंची
8. केन्द्रीय बजट सराहनीय
9. अश्लीलता बढ़ने से यौन अपराध बढ़े
10. संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी शामिल हो
11. मोदी सरकार सही रास्ते पर
12. संस्कृत में अपार ज्ञान-विज्ञान
13. अफसर दंडित किये जायें
14. कश्मीर मुख्य धारा से जुड़ा
15. सिक्ख नरसंहार प्रायोजित था
16. पुलिस में आमूल बदलाव हो
17. मुफ्ती का रवैया खतरनाक
18. अखिलेश ने नई दिशा दी।
प्रस्तावनाः- पुस्तकालय विज्ञान के अनुसार मूलरूप से पुस्तकालयों को 3 श्रेणियों में रखा गया है। प्रथम विशिष्ट पुस्तकालय, द्वितीय सार्वजनिक पुस्तकालय तथा तृतीय शैक्षिक पुस्तकालय। आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय जिसकी स्थापना वर्ष 1959 में उ0प्र0 के भूतपूर्व मुख्यमंत्री श्री चन्द्रभानु गुप्त के प्रयासों से की गयी थी। प्रारम्भ में यह शैक्षिक पुस्तकालयों की श्रेणी में ही आता था क्योंकि इसकी स्थापना विशेष रूप से छात्र-छात्राओं (स्नातक एवं उसके ऊपर के छात्रों ) को वांछित पठन सामग्री उपलब्ध कराना रहा था। तब यह पुस्तकालय 2-राणा प्रताप मार्ग, मोतीमहल परिसर में मोतीमहल के पश्चिमी ओर स्थित एक दो मंजिली इमारत मे हुआ करता था । धीरे-धीरे छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त सामान्य पाठकों को भी यहां पुस्तकें व अन्य पठन पाठन सामग्री उपलब्ध करायी जाने लगी। पुस्तकों के अतिरिक्त अंग्रेजी, हिन्दी, उर्दू के समाचार पत्र व पत्रिकायें भी छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त सामान्य पाठकों को उपलब्ध करायी जाने लगी और आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय जो मूलतः शैक्षिक पुस्तकालय था के साथ-साथ सार्वजनिक पुस्तकालय भी बन गया। अस्तु यह कहा जाय कि आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय मात्र शैक्षिक पुस्तकालय ही नहीं एवं सार्वजनिक पुस्तकालय भी है और इस पुस्तकालय की गिनती शहर के सार्वजनिक प्रारंभिक पुस्तकालय में की जाती है।
पुस्तकालय प्रबन्ध तन्त्र:- आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय भारत सेवा संस्थान द्वारा संचालित होता है जिसके संचालन हेतु एक प्रबन्ध समिति है। मुख्यालय स्तर पर इसके शीर्षस्थ अधिकारी अध्यक्ष (माननीय श्री भगवती सिंह), महासचिव (डा0 जे0एन0मिश्रा) तथा कोषाध्यक्ष (माननीय डा0 अशोक बाजपेई) हैं।
पुस्तकालय स्टाफ:- भारत सेवा संस्थान की अन्य यूनिटों की भांति ही उपरोक्त प्रबन्ध तंत्र के अंतर्गत पुस्तकालय का अपना स्टाफ है जिसमें शीर्ष स्तर पर वरिष्ठ पुस्तकालयाध्य जो एक मेम्बर इंचार्ज के माध्यम से प्रबन्ध तंत्र से जुड़े हैं तथा उनके नीचे पुस्तकालय स्तर पर एक्सेशनर-1, पुस्तकालय सहायक-2, मैगजीन सहायक-1, टाइपिस्ट-1 तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी-8 नियुक्त हैं।
उद्देश्य
1. पुस्तकालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य सामान्य पाठकों को पुस्तकालीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ विशेष रूप से छात्र-छात्राओं (स्नातक एवं उसके ऊपर ) को आवश्यक पठन सामग्री उपलब्ध कराना है।
2. छात्र-छात्राओं को प्रतियोगिताओं हेतु वांछित सामग्री उपलब्ध कराना।
3. शोध छात्र-छात्राओं को पुस्तकालीय विशेष सुविधाओं को उपलब्ध कराना।
4. पुस्तकालय विज्ञान मं डिप्लोमा, स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम कर रहें छात्र-छात्राओं को पुस्तकालय का व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाना।
5. सामान्य पाठकों को पुस्तकालय में प्रतिदिन मंगाये जाने वाले हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू के समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं के माध्यम से उनके सामान्य ज्ञान को अपटूडेट रखना।
पुस्तकालय खुलने एवं बन्द होने का समय:-
खुलने का समय : प्रातः 11ः00 बजे
बन्द होने का समय : सांय 6ः00 बजे
(प्रत्येक रविवार व सार्वजनिक अवकाश के दिन पुस्तकालय नहीं खुलता है। इसके अतिरिक्त किसी आकस्मिकता पर पुस्तकालय बन्द किया जा सकता है।)
पुस्तक संग्रह:- पुस्तकालय के एक्सेशन रजिस्टर के अनुसार वित्तीय वर्ष 2013-14 में 31 मार्च तक जहाॅ पुस्तकालय की कुल पुस्तकों की संख्या 1,35,796 थी वहीं वित्तीय वर्ष 2014-15 में क्रय की राजाराम मोहनराय फाउंडेशन की दानस्वरूप पुस्तकों को सम्मिलित करते हुए कुल 913 पुस्तकों की बढ़ोत्तरी हुई जिनका भाषावार विवरण निम्नवत् है:-
हिन्दी भाषा की क्रय की गयी पुस्तकों की संख्या - 215
हिन्दी भाषा में दानस्वरूप प्राप्त पुस्तकों की संख्या - .....
अंग्रेजी भाषा की क्रय की गयी पुस्तकों की संख्या - 223
अंग्रेजी भाषा में दानस्वरूप प्राप्त पुस्तकों की संख्या - .......
उर्दू भाषा मेें दानस्वरूप प्राप्त पुस्तकें - 28
बालकक्ष की हिन्दी में दानस्वरूप प्राप्त पुस्तकें - 47
बालकक्ष की अंग्रेजी में दानस्वरूप प्राप्त पुस्तकें - 27
योग 540
राजाराम मोहनराय फाउंडेशन संग्रह:- राजाराम मोहनराय फाउंडेशन कोलकाता द्वारा उ0प्र0 सरकार द्वारा स्थापित पुस्तकालय कोष्ठक के माध्यम से प्रतिवर्ष पुस्तकालय को समुचित मात्रा में पुस्तकें निःशुल्क प्राप्त होती हैं। जिनका गत तीन वर्षों का विवरण निम्नवत् हैः-
1. वित्तीय वर्ष 2012-13 में कुल प्राप्त पुस्तकें - 504
2. वित्तीय वर्ष 2013-14 में कुल प्राप्त पुस्तकंे - 348
3. वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल प्राप्त पुस्तकें - 373
पुस्तकालय की सदस्यता:
आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय में सम्प्रति निम्नलिखित 02 प्रकार की सदस्यता उपलब्ध है:-
1. विद्यार्थी सदस्यता 250/प्रतिभूति 150/-सदस्यता शुल्क
2. सामान्य सदस्यता 500/प्रतिभूति 250/-सदस्यता शुल्क
उपरोक्त 2 श्रेणियों के अतिरिक्त पुस्तकालय में पाठकों को एक विशेष सुविधा दी गयी है जिसमें 25/- (प्रतिमाह के आधार पर) लघु समय के लिए पाठकों को सदस्यता प्रदान की जाती है ।
वर्ष 2014-15 में पुस्तकालय मंk393 सदस्य बनाये गये जो निम्नलिखित है:-
विद्यार्थी सदस्य : 13
सामान्य सदस्य : 64
रीडिंग कार्ड : 316
मासिक सदस्य:- उपरोक्त श्रेणियों के अतिरिक्त पुस्तकालय में पाठकों को एक विशेष सुविधा दी गयी है जिसमें 25/- प्रतिमाह के आधार पर लघु समय के लिए पाठकों को सदस्यता प्रदान की जाती है और अपनी आवश्यकतानुसार अपनी सदस्यता एक माह से लेकर आगे जहाॅ तक उसकी आवश्यकता हो प्रतिमाह 25/- संस्था को भुगतान कर उसे बढ़ाते रहते हैं। मासिक सदस्यता अथवा रीडिंग कार्ड सदस्य वे सदस्य हैं जो मासिक आधार पर बनाये जाते हैं। इस प्रकार के पाठक किसी खास विषय पर अपना अध्ययन पुस्तकालय में आकर करते हैं अथवा अपने शोध के कार्यों की आंशिक पूर्ति करने के लिए आते हैं।
पुस्तकालय में आने वाले समाचार पत्र
आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय मंे वित्तीय वर्ष 2014-15 में नियमित रूप से दैनिक जागरण, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला, हिन्दुस्तान, जनसत्ता कल्पतरू, तथा दिल्ली से प्रकाशित होने वाला पंजाब केसरी सहित हिन्दी के 7 दैनिक समाचार पत्र पाठकों को उपलब्ध कराये जाते रहे हैं। अंग्रेजी भाषा मे पुस्तकालय में नियमित मंगाये जाने वाले 7 दैनिक समाचार पत्र पायनियर, टाइम्स आफ इंडिया, इंडियन एक्सप्रेस, बिजनेस स्टैण्डर्ड, हिन्दुस्तान टाइम्स तथा दिल्ली से प्रकाशित होने वाले स्टेट्समैन, हिन्दू नियमित रूप से पाठकों को उपलब्ध कराया जाता रहा है। वर्णित हिन्दी व अंग्रेजी समाचार पत्रों के अतिरिक्त उर्दू भाषा में लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्र ‘‘आग’’ दैनिक मंगाकर उर्दू पाठकों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
पुस्तकालय में आने वाली पत्रिकायें:-
उपरोक्त समाचार पत्रों के अतिरिक्त आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय मंे पाठकों के उपयोगार्थ अनेक साप्ताहिक/पाक्षिक/मासिक पत्रिकायें वर्ष 2014-15 में मंगाई जाती हैं। जिनमें इंडिया टुडे, रोजगार समाचार, आउटलुुक हिन्दी की साप्ताहिक पत्रिकाओं के अतिरिक्त कादम्बिनी, प्रतियोगिता दर्पण, विज्ञान प्रगति, योजना क्रानिकल सामयिकी, कम्प्यूटर संचार सूचना, कुरूक्षेत्र, आह जिंदगी तथा कल्याण मासिक पत्रिकायें भी पुस्तकालय में आती रहीं। अंग्रेजी की पत्रिकाओं में पुस्तकालय में इंडिया टुडे, इम्प्लायमेंट न्यूज, टाइम, आउटलुक, साप्ताहिक पत्रिकाओं के अतिरिक्त कम्पटीशन सक्सेज, सांइज रिपोर्टर, रीडर डाइजेस्ट, नेशनल जियोग्राफी, इलेक्ट्रानिक फार यू मासिक पत्रिकायें तथा बिजनेस इंडिया, फ्रन्टलाइन फोर्ट नाइटली पत्रिकायें भी पुस्तकालय में आती हैं।
उल्लेखनीय है कि उपरोक्त पत्रिकाओं में अनेक प्रतियोगी पत्रिकायें हैं, जिन्हें विशेष रूप से विभिन्न प्रतियोगिताओं में बैठने वाले छात्र-छात्राओं के लिए चयनित किया गया। इन प्रतियोगी पत्रिकाओं के अतिरिक्त हिन्द का साप्ताहिक रोजगार समाचार जिसका अंग्रेजी रूपांतर इम्प्लायमेंट न्यूज प्रति सप्ताह प्रकाशित होता है पुस्तकालय में रोजगार तलाश करने वाले युवा/युवतियों के लिए पुस्तकालय मंे पूरे वर्ष ग्राहकता जारी रखी।
प्रतियोगिता पुस्तकें -
मनोरमा इयरबुक (हिन्दी-अंग्रेजी), इंडिया, भारत, उत्तर प्रदेश, सामान्य अध्ययन, घटनाचक्र, रेलवे भर्ती बोर्ड परीक्षा, तकनीकी टेड, अध्यापक पात्रता परीक्षा, इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा, एस0एस0सी0, C.S.A.T, U.G.C. NET/SET, SCC COMBIND GRADUATE LEVEL PRELIMINERY EXAM, M.B.A ADMISSION TEST, IBPS INSTITUTE OF BANKING PERSONNEL SELECTION, SSC JOINT HIGHER SECONDARY EXAM, CPMT EXPLORER, GMT GRADUATE MANAGEMENT ADMISSION TEST, AIEEE आदि प्रतियोगिता संबंधी पुस्तकें छात्र-छात्राओं को परीक्षा में सफल होने के लिए उपलब्ध करायी जाती है।
पुस्तकों की कैटेलागिंग एवं क्लासिफिकेशन:-
विविद हो कि आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय में पुस्तकों का वर्गीकरण (क्लासिफिकेशन) डेवीडिसिमल क्लासिफिकशन स्कीम द्वारा किया गया है तथा वित्तीय वर्ष 2014-15 में पुस्तकालय मंे 786 पुस्तकों का क्लासिफिकेशन व कैटालागिंग की गयी। क्लासिफिकेशन के उपरांत इनकी कैटेलागिंग कटर स्कीम के तहत पूरी कर कार्डों को डिक्शनरी आर्डर में समायोजित किया गया है। नई पुस्तकों के अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2014-15 में लगभग 457 पुस्तके जिनकी बाइंडिंग होकर आयी थी उनकी लेेवलिंग, नंबरिंग, जैकेट व स्लिप आदि लगाकर पुनः संग्रहित किया गया।
पुस्तकों की जिल्दबन्दी:-
पुस्तकों के लगातार प्रयोग से अनेक पुस्तकों की जिल्दें फट जाती हैं। पुस्तकालय में उन्हें पुनः सुरक्षित रखने हेतु उनकी जिल्दबन्दी कराना आवश्यक हो जाता है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में पुस्तकों की जिल्दबन्दी पर कुल रु0 25,135/- व्यय किया गया तथा 457 पुस्तकों की जिल्दबन्दी करायी गई।
उपरोक्त समाचार पत्रों के अतिरिक्त आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय में पाठकों के उपयोगार्थ अनेक सप्ताहिक/पाक्षिक/मासिक पत्रिकायें वर्ष 2014-15 में मंगाई जा रही है।
फोटोकापी की सुविधा:-
पुस्तकालय में दो वर्ष पूर्व एक फोटोकापियर खरीदा गया था जो कार्यरत् है जिसमें रु0 1/-प्रति कापी की दर से पाठकों को फोटोकापियाॅ उपलब्ध करायी जाती है।
पुस्तकालय द्वारा व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाना:-
आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय में राजकीय पालिटेक्निक लखनऊ, श्री रामदेवी रामदयाल त्रिपाठी महिला पालीटेक्निक कानपुर एवं राजकीय पालिटेक्निक लखनऊ द्वारा भेजे गये छात्र/छात्राओं को ‘‘पुस्तकालय विज्ञान’’ का चार सप्ताह का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया। इन छात्र/छात्राओं को वर्गीकरण, सूचीकरण, पुस्तक क्रय, पुस्तकों का आदान-प्रदान, एवं सभी कक्षों से संबंधित जानकारी प्रदान की गयी।
बजट:-
आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय का वार्षिक 3 वर्षों का बजट निम्नवत् रहा।
वर्ष रुपयों मंे
2012-13 27,18,000.00
2013-14 28,91,000.00
2014-15 28,32,000.00
उपरोक्त बजट में भारत सेवा संस्थान द्वारा स्वीकृत धनराशि के साथ उ0प्र0 सरकार से प्रतिवर्ष रु0 2,00,000.00 की धनराशि दो किस्तों में प्राप्त होती रही है।
स्वचालित अग्निसूचक यंत्रः-
अग्नि के प्रकोप से बचाव हेतु माह जनवरी-फरवरी 2015 में आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय में स्वचालित अग्निसूचक यंत्र लगा दिए गये हैं। अब यदि पुस्तकालय के किसी भाग में आग लग जाये तो इसमें लगे सेन्सर धुएं की बढ़ी मात्रा से स्वयं ऐक्टीवेट हो जायेगें और यंत्र के साथ जुड़े सभी सायरन बज उठेगें। इस व्यवस्था के लग जाने से अग्नि से पुस्तकों व जान की सुरक्षा में सतर्कता मिलेगी।
विचार मंच के कार्यकलाप:-
श्रद्धेय श्री चन्द्रभानु गुप्त जी ने समाज के बहुमुखी विकास को दृष्टि में रखते हुए लखनऊ नगर मंे कई संस्थायें स्थापित की। रंग कर्मियों को अपनी कला एवं शैली का प्रदर्शन करने के लिए रवीन्द्रालय का सुव्यवस्थित मंच मिला, वहीं बुद्धिजीवियों को लोकतंत्र राष्ट्रहित से जुड़े सामयिक एवं ज्वलंत प्रश्नों पर विचार मंथन करने एवं उनके निराकरण का मार्ग खोजने के लिए ‘‘ विचार मंच ’’ का सृजन किया गया। धीरे-धीरे मंच बुद्धिजीवियों के लिए अभिव्यक्ति का एक सशक्त एवं लोकप्रिय माध्यम ‘‘विचार मंच’’ बन गया है। इस मंच से विभिन्न प्रश्नों के समाधान के लिए जो सहमति बनी वह जनतंत्र तथा शासन दोनांे के लिए ही दिशावाहक भी बनी।
उपर्युक्त से स्पष्ट है कि ‘‘विचार मंच’’ अतीत की परतें कुरेद कर निरर्थक विवादों में नहीं फंसता, अपितु अत्यंत सामयिक विषय ही चर्चा का आधार बनाता है।
प्रत्येक मास के प्रथम व तृतीय शनिवार को बैठक का आयोजन होता है इन बैठकों में मूर्धन्य साहित्यकार, मझे हुए राजनितिज्ञ, समर्पित समाजसेवी, अर्थ-विचारक, प्रतिष्ठित अधिकारी एवं पत्रकार भाग लेते हैं तथा निर्धारित विषयों पर अपने विचार व्यक्त करते हैं। प्रत्येक बैठक की विषम चर्चा की पूर्व सूचना भी विशिष्ट व्यक्तियों व दैनिक समाचारों के माध्यम से दे दी जाती है।
आलोच्य वर्ष में निम्नलिखित मुख्य विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई:-
1. चुनाव आयोग खामोश क्यों?
2. पुस्तकों से षड़यंत्रों का खुलासा
3. मतदाता सूची में गड़बडि़यां चिन्ताजनक
4. जनता में भंयकर आक्रोश था
5. तुरन्त चुनाव सुधार हो
6. नरक बन गयी है रेलयात्रा
7. हिन्दू समाज को क्षति पहुंची
8. केन्द्रीय बजट सराहनीय
9. अश्लीलता बढ़ने से यौन अपराध बढ़े
10. संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी शामिल हो
11. मोदी सरकार सही रास्ते पर
12. संस्कृत में अपार ज्ञान-विज्ञान
13. अफसर दंडित किये जायें
14. कश्मीर मुख्य धारा से जुड़ा
15. सिक्ख नरसंहार प्रायोजित था
16. पुलिस में आमूल बदलाव हो
17. मुफ्ती का रवैया खतरनाक
18. अखिलेश ने नई दिशा दी।